विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस : तस्वीरों में देखें भारतीय प्रकृति का अद्भुत नजारा

प्रकृति (Nature) जल (Water), जंगल (Forest) और जमीन का एक मिला-जुला मेल है और इसके बिना पर्यावरण (Enviornment) अधूरा है। हर साल 28 जुलाई को मनाये जाने वाले इस दिवस पर लोगों का ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाता है कि पर्यावरण को बचाएं, पेड़ों को ना काटें और जानवरों को ना मारा जाए।



दुनिया से विलुप्त होते जा रही है प्रकृति

दिन प्रतिदिन विलुप्त (Vanish) होते पेड़-पौधे और अलग-अलग नस्ल के जानवरों को मद्देनजर रखते हुए इस दिवस को हर साल मनाया जाता है। पुराने समय में जहां प्रकृति का अद्भुत नजारा देखने को मिलता था, वहीं आज के इस दौर में ये विलुप्त होते जा रहे हैं। लेकिन धरती पर आज भी कुछ ऐसी जगह शेष हैं, जहां प्रकृति अपने एक अलग अंदाज में खूबसूरती बिखेरती नजर आती है।


मूसलाधार बारिश से प्रकृति पर कहर

लेकिन हर साल देशभर में हो रही मूसालाधार बारिश (Heavy Rainfall) के चलते बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं, जिससे प्रकृति विनाश (Nature Destroy) की ओर बढ़ जाती है। इस बाढ़ के चलते जहां हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है, वहीं जानवरों के साथ-साथ इंसानों की भी मौत हो रही है।


जागरूकता के लिए चलाये जाते हैं अभियान

और यही कारण है कि लोगों को इस बात के लिए ज्यादा जागरूक करना चाहिए की पेड़-पौधों को काटने से इंसान के जीवन पर खतरा मंडरा सकता है। इसी वजह से वातावरण को अनुकूलता व संतुलित बनाने के लिए धरती से विलुप्त हो रहे जानवरों की उचित देखभाल और उनके संरक्षण के लिए स्कूल (School) व कॉलेजों (College) में ज्यादा से ज्यादा जागरुकता अभियान (Awareness Campaign) चलाए जा रहे हैं।



इन जगहों पर दिखता है प्रकृति का अद्भुत नजारा

साथ ही हमारे देश के कई लोग प्रकृति को बचाने के लिए पेड़-पौधे लगा रहे हैं और कई एनजीओस (NGOs) भी प्रकृति के संरक्षण में अपना योगदान दे रही है। धरती पर आज भी कई जगह ऐसी बाकी हैं जहां प्रकृति अपना रंग बिखेरती है। आइए देखते हैं कि प्रकृति के वो अद्भुत नजारे जो भारत के कुछ जगहों में अभी भी बाकी है।



हिमाचल प्रदेश का प्राकृतिक दृश्य

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असम का नजारा


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लद्दाख का प्राकृतिक नजारा


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