विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस
आज विश्व पुस्तक एवं
कॉपीराइट दिवस है, ये दिन हर साल 23 अप्रैल को मनाया जाता है।
विश्व पुस्तक तथा स्वामित्व (कॉपीराइट)दिवस का औपचारिक शुभारंभ 23 अप्रैल 1995 को हुआ था । आपको बता दें कि 23 अप्रैल का दिन साहित्यिक क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण है चूंकि यह तिथि साहित्य के क्षेत्र से जुड़ी अनेक विभूतियों का जन्म या निधन का दिन है। इसी कारण यूनेस्को ने '23 अप्रैल' को 'विश्व पुस्तक दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया था।
23 अप्रैल को पूरे विश्व के लोगों के द्वारा हर वर्ष मनाया जाने वाला विश्व पुस्तक दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है। पढ़ना, प्रकाशन और प्रकाशनाधिकार को पूरी दुनिया में लोगों के बीच बढ़ावा देने के लिये यूनेस्को द्वारा सालाना आयोजित ये बहुत ही महत्वपूर्णं कार्यक्रम है। बच्चों के बीच पढ़ने की आदत को आसानी से बढ़ावा देना, कॉपीराइट का प्रयोग कर बौद्धिक संपत्ति का प्रकाशन और सुरक्षित रखने के लिये यूनेस्को द्वारा पूरे विश्व भर में इसे मनाने की शुरुआत हुयी। विश्व साहित्य के लिये 23 अप्रैल एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि 23 अप्रैल 1616 कई महान हस्तियों की मृत्यु वर्षगाँठ थी। शिक्षकों, लेखकों, प्रकाशकों, लाइब्रेरियन, सभी निजी और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों, एनजीओ, कार्यरत लोगों का समूह, मास मीडिया आदि के द्वारा खासतौर से विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है।
23 अप्रैल को पूरे विश्व के लोगों के द्वारा हर वर्ष मनाया जाने वाला विश्व पुस्तक दिवस एक वार्षिक कार्यक्रम है। पढ़ना, प्रकाशन और प्रकाशनाधिकार को पूरी दुनिया में लोगों के बीच बढ़ावा देने के लिये यूनेस्को द्वारा सालाना आयोजित ये बहुत ही महत्वपूर्णं कार्यक्रम है। बच्चों के बीच पढ़ने की आदत को आसानी से बढ़ावा देना, कॉपीराइट का प्रयोग कर बौद्धिक संपत्ति का प्रकाशन और सुरक्षित रखने के लिये यूनेस्को द्वारा पूरे विश्व भर में इसे मनाने की शुरुआत हुयी। विश्व साहित्य के लिये 23 अप्रैल एक महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि 23 अप्रैल 1616 कई महान हस्तियों की मृत्यु वर्षगाँठ थी। शिक्षकों, लेखकों, प्रकाशकों, लाइब्रेरियन, सभी निजी और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों, एनजीओ, कार्यरत लोगों का समूह, मास मीडिया आदि के द्वारा खासतौर से विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता है।
23 अप्रैल ही क्यो?
उदाहरण के तौर पर 1616 में 23 अप्रैल को सरवेन्टीस, गारसिलआसो डी लाव्हेगा, मारिसे ड्रयन, के. लक्तनेस, ब्लेडीमीर नोबोकोव्ह, जोसेफ प्ला और
मैन्युएल सेजीया के जन्म/निधन के दिन के रूप में जाना जाता है। महान लेखक और नाटककार
विलियम शेक्सपीयर के तो जन्म और निधन की तिथि भी 23 अप्रैल है। (जन्म-23 अप्रैल, 1564 निधन-23 अप्रैल, 1616 )
पुस्तकें एकान्त की
सहचारी हैं । वे हमारी मित्र हैं जो बदले में हम से कुछ नहीं चाहती ।
कहते हैं किताबों से
अच्छा कोई दोस्त नहीं हैं, ये वो मित्र हैं, जो आपका साथ कभी नहीं छोड़ती
हैं, एक बार आपका साया भी
आपका साथ अंधेरे में छोड़ सकता है लेकिन किताबें सांसों की तरह आपके साथ रहती हैं।
लेकिन जो लोग किताबों के जरिए अपने जीवन की पढाई आरंभ करते हैं, वो ही आज बढ़ती उम्र के साथ-साथ कम्प्यूटर और इंटरनेट के प्रति बढ़ती दिलचस्पी की वजह
से किताबों से दूर हो रहे हैं। यही कारण है कि लोगों और किताबों के बीच की दूरी को पाटने के लिए यूनेस्को ने '23 अप्रैल' को 'विश्व पुस्तक दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय
लिया। जिससे लोगों का किताबों के प्रति रूझान कम ना हो।
विश्व पुस्तक तथा कॉपीराइट दिवस 'इन्हेन्स बुक रीडिंग हैबिट्स' के एकमात्र महत्वपूर्ण उद्देश्य से प्रेरित है। इसके माध्यम से इस प्रवृत्ति को विशेषकर बच्चों में प्रोत्साहित करना है। वर्तमान में 100 देशों में लाखों नागरिक, सैकड़ों स्वयंसेवी संगठन, शैक्षणिक, सार्वजनिक संस्थाएँ, व्यावसायिक समूह तथा निजी व्यवसाय से जुड़े व्यक्ति 'विश्व पुस्तक तथा कॉपीराइट दिवस' मनाते हैं। इस पृष्ठभूमि तथा वर्तमान सामाजिक एवं शैक्षणिक वातावरण के परिणामस्वरूप विश्व पुस्तक तथा कॉपीराइट दिवस का ऐतिहासिक महत्व हो गया है।
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